Monday, July 7, 2008

नई विंडोज


सपनों को हकीकत में बदलना और फिर उसे दूसरों के लिए आदर्श बना देना, यह जादू या करिश्मा वाकई में ही विश्व के सबसे धनी लोगों की श्रेणी में शुमार बिल गेट~स ही कर सकते हैं। सफलता के शिखर पर आसन जमाये बिल गेट~स ने 52 वर्ष की आयु में ;जोकि बहुत ज्यादा नहीं हैद्ध कंपनी के विशाल सामzज्य की जिम्मेदारी अपने एक मित्र के कंधों पर डालकर, अपने जीवन की दूसरी पारी में एक नए क्षेत्र में नवीन आदर्श तथा कीर्तिमान स्थापित करने के लिए बेहिचक पहल कर दी। अब उनका सबसे बड़ा लक्ष्य अपनी अरबों-खरबों की दौलत जरूरतमंदों में बांटने का है। देखा जाए तो वो कोई संत-महात्मा नहीं है। वो टैक्निकल लैंग्वेज में प्योर प्रोफेशनल हैं। जिन्होंने लगभग 3 दशक पूर्व अपनी मेहनत से अपनी सफलता की कहानी लिखी। माइक्रोसाफ्ट कंपनी की नींव रखने वाले बिल गेट~स ने जग प्रसिद्ध कई नामचीन हस्तियों की तरह अपना कैरियर शून्य से शुरू कर उस मुकाम तक पहुंचाया जिसके आस-पास, आज तक कोई फटक नहीं पाया। अकूत संपदा के मालिक होने के बावजूद भी उनके कृत्य निरंतर जनसेवा के कार्यों से जुड़े रहे। इसलिए उन्हें उन संतों की श्रेणी में शामिल करना गलत नहीं होगा जो न केवल जनहित के लिए कार्य करते हैं अपितु समाज के सम्मुख आदर्श भी रखते हैं। यह साधारण व्यक्ति की असाधारण सोच नहीं है तो क्या है? इसे बिल गेट~स की आसाधण क्षमता ही कहा जाएगा कि सफलता के नवीन मापदंड उन्होंने स्वयं ही तय करें। इस कार्य के लिए उन्होंने किसी परिपाटी का अनुकरण की बजाय खुद के लिए एक नई लीक तैयार की। अब उनका ध्यान दुनिया भर में बिल एंड मेलिंडा गेट~स फाउडेंशन के माध्यम से गरीबी उन्मूलन, शिक्षा प्रसार, रोग निदान आदि कार्यक्रमों को चलाने में रहेगा। अब उन्होंने जो नई विंडोज बनाई है, उसका लाभ भी जन-जन पहुंचेगा।

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